डबल पासपोर्ट विवाद: अदालत ने अब्दुल्ला आजम को ठहराया दोषी

रामपुर की एमपी–एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट रखने के मामले में दोषी तय करते हुए सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसके साथ ही उन पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए।
यह मामला शहर विधायक आकाश सक्सेना द्वारा वर्ष 2019 में सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे से जुड़ा है। आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने गलत जानकारी देकर पासपोर्ट बनवाया और उनके पास दो अलग-अलग पासपोर्ट मौजूद हैं। इनमें से एक का प्रयोग कथित तौर पर विदेश यात्राओं में भी किया गया।
प्रकरण एमपी–एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में लंबे समय से चल रहा था। केस को रद्द कराने के लिए अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद सर्वोच्च अदालत के निर्देश पर रामपुर की निचली अदालत में पुनः सुनवाई हुई।
जन्मतिथि में अंतर बना विवाद की वजह
मामले में आरोप यह था कि अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाणपत्रों — हाईस्कूल, बीटेक और एमटेक — में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है। जबकि विवादित पासपोर्ट (संख्या Z4307442, जारी तिथि 10 जनवरी 2018) पर जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्शाई गई है। अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस अंतर के बावजूद पासपोर्ट हासिल कर उसका उपयोग विभिन्न पहचान पत्रों, विदेश यात्राओं और औपचारिक आवेदनों में लाभ उठाने के उद्देश्य से किया गया।
इन धाराओं में ठहराए गए दोषी
कोर्ट ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (ठगी), 467, 468, 471 (जालसाजी व फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग) तथा पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(1)(ए) के तहत दोष सिद्ध मानते हुए सजा सुनाई।
न्यायालय के फैसले के बाद अब अब्दुल्ला आजम को दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल की सजा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी कानूनी परेशानियां और बढ़ गई हैं।


