टोक्यो: सोमवार की आधी रात के आसपास उत्तरी जापान में धरती तेज़ी से कांपी। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई, जिसका केंद्र होंशू द्वीप के आओमोरी प्रान्त के तट से करीब 80 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में था। झटकों के बाद तटीय क्षेत्रों में हल्की सुनामी दर्ज की गई और अब तक 23 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है।

भूकंप रात करीब 11:15 बजे आया, जिसके बाद कई तेज़ आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए। अचानक आई इस आपदा से लोग घरों से बाहर निकल आए और पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। स्थानीय दुकानदार नोबुओ यामादा ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतना तेज भूकंप महसूस किया, हालांकि उनके क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बनी रही।
इवाते प्रान्त स्थित कुजी बंदरगाह पर करीब 70 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी मापी गई, जबकि कुछ अन्य तटीय इलाकों में 50 सेंटीमीटर तक ऊंची लहरें देखी गईं। शुरू में एजेंसी ने तीन मीटर तक ऊंची लहरों की चेतावनी जारी की थी, लेकिन बाद में स्थिति को देखते हुए इसे घटाकर एडवाइजरी कर दिया गया।
मुख्य कैबिनेट सचिव मिनोरू किहारा ने लोगों से अपील की कि एडवाइजरी हटने तक वे सुरक्षित ऊंचे स्थानों या आश्रयों में ही बने रहें। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 800 घरों की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। सुरक्षा के चलते कुछ शिंकानसेन बुलेट ट्रेनों और स्थानीय रेल लाइनों की सेवाएं भी अस्थायी रूप से रोकी गई हैं।
परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर भी सरकार सतर्क है। आओमोरी स्थित रोक्काशो ईंधन पुनर्संसाधन संयंत्र में ईंधन शीतलन क्षेत्र से लगभग 450 लीटर पानी रिसने की जानकारी मिली है, हालांकि परमाणु विनियमन प्राधिकरण ने इसे सुरक्षित सीमा में बताते हुए किसी भी तरह के खतरे से इनकार किया है।
मौसम विज्ञान एजेंसी ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में और झटके आ सकते हैं। एजेंसी के मुताबिक टोक्यो के पूर्वी चिबा क्षेत्र से लेकर होक्काइडो तक जापान के उत्तरपूर्वी तट पर 8 तीव्रता तक के भूकंप और सुनामी की आशंका थोड़ी बढ़ गई है। करीब 182 नगरपालिकाओं से आपदा से निपटने की तैयारियां दुरुस्त रखने की अपील की गई है।
इस बीच अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने मंगलवार सुबह होंशू द्वीप के दक्षिण में 5.1 तीव्रता के एक और भूकंप की पुष्टि की है, जो सतह से करीब 35 किलोमीटर की गहराई में आया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र पहले भी बड़ी तबाही झेल चुका है। वर्ष 2011 में इसी तट के पास आए 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी में करीब 20,000 लोगों की जान चली गई थी और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को भारी नुकसान पहुंचा था। मौजूदा हालात को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।


