छत्तीसगढ़ के नॉर्थ बस्तर इलाके में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। कुख्यात माओवादी नेता और सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) रामधेर मज्जी ने अपने 12 साथियों के साथ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। मज्जी पर सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था और उसे नक्सली कमांडर हिडमा के बराबर का प्रभावशाली नेता माना जाता था।रामधेर मज्जी ने बकरकट्टा थाना क्षेत्र के खैरागढ़ स्थित कुम्ही गांव में हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया। अधिकारियों के मुताबिक इस सामूहिक सरेंडर से महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ जोन को अब पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित किया जा रहा है।

कई बड़े पदों पर रहे माओवादी शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादी संगठन की ऊंची इकाइयों से जुड़े कई अहम चेहरे शामिल हैं। तीन डिविजनल वाइस कमांडर (DVCM), दो एरिया कमेटी मेंबर (ACM) और पांच पार्टी मेंबर (PM) भी हथियारों के साथ पुलिस के सामने आए।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
सरेंडर के दौरान सुरक्षाबलों को AK-47, INSAS और SLR जैसे अत्याधुनिक हथियार भी सौंपे गए हैं। पुलिस सभी आत्मसमर्पित कैडरों से पूछताछ कर उनके नेटवर्क, सप्लाई लाइन और पुराने हमलों से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है।
सरेंडर करने वाले प्रमुख माओवादी
- रामधेर मज्जी – CCM – AK-47
- चंदू उसेंडी – DVCM – 30 कार्बाइन
- ललिता – DVCM – बिना हथियार
- जानकी – DVCM – INSAS
- प्रेम – DVCM – AK-4
- रामसिंह दादा – ACM
- सुकेश पोट्टम – ACM – AK-4
- लक्ष्मी – PM – INSAS
- शीला – PM – INSAS
- सागर – PM – SLR
- कविता – PM
- योगिता – PM – बिना हथियार
पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह आत्मसमर्पण नक्सलवाद के खिलाफ जारी अभियान में अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है। आने वाले दिनों में अभियान और तेज किया जाएगा ताकि शेष बचे नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके।


