20 साल पुराने हत्या केस में न्याय: बावरिया गैंग के तीन अपराधियों को उम्रकैद

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक अदालत ने सोमवार को बावरिया गिरोह के तीन सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह फैसला वर्ष 2005 में हुई उस सनसनीखेज वारदात से जुड़ा है, जिसमें डकैती के दौरान AIADMK के तत्कालीन विधायक के. सुदर्शनम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय वे तिरुवल्लूर जिले के गुमिडिपुंडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री थे।
परिवार पर भी हुआ था हमला
यह वारदात 9 जनवरी 2005 को तड़के लगभग 2:45 बजे हुई, जब पांच सदस्यीय गिरोह ने पेरियापलायम के पास थनाकुलम स्थित सुदर्शनम के घर में धावा बोला। हमले के दौरान अपराधियों ने विधायक पर गोली चलाई, उनकी पत्नी और बेटों को घायल किया और घर से सोने के आभूषण लूट ले गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निर्देश पर IGP एस. आर. जंगिड के नेतृत्व में विशेष दल बनाए गए थे। इसी टीम ने कुछ महीनों बाद हरियाणा और राजस्थान से गिरोह के कई सदस्यों को पकड़ लिया।
कई आरोपी मारे गए, कुछ फरार
सितंबर 2005 में दो आरोपी उत्तर भारत में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। वहीं गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से ओमप्रकाश और बूरा वेल्लोर जेल में सजा काटते हुए बीमारी के कारण चल बसे। मामले में शामिल 3 महिला आरोपियों को जमानत मिली थी, लेकिन वे बाद में फरार हो गईं।
अदालत ने तीन को दोषी ठहराया
शेष 4 आरोपियों—जगदीश, राकेश, अशोक और जेलदार सिंह—के खिलाफ मुकदमा चेन्नई की अतिरिक्त सत्र अदालत में चला। करीब 86 गवाहों के बयान और विस्तृत जांच के बाद अदालत ने 21 नवंबर को अपना निर्णय सुनाया। जज अब्राहम लिंकन ने जगदीश, राकेश और अशोक को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि जेलदार सिंह को आरोपों से बरी कर दिया गया।


