गुजरात हाई कोर्ट ने रेप के दोषी और स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को उनकी चिकित्सकीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए 6 महीने की अंतरिम जमानत प्रदान की है। कोर्ट ने कहा कि 86 वर्षीय आसाराम को हृदय संबंधी बीमारियाँ हैं और उन्हें उपचार का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। आसाराम की ओर से दलील दी गई थी कि जोधपुर कोर्ट पहले ही इसी आधार पर जमानत दे चुकी है, इसलिए गुजरात हाई कोर्ट को अलग रुख नहीं अपनाना चाहिए। अदालत ने इस तर्क से सहमति जताई और कहा कि यदि राजस्थान सरकार इस निर्णय को चुनौती देती है, तो गुजरात सरकार भी ऐसा कर सकती है।

सरकार की ओर से कहा गया कि यदि जोधपुर जेल में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं हैं, तो आसाराम को साबरमती जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है। वहीं, पीड़िता के वकील ने कोर्ट में कहा कि आसाराम ने पहले भी बीमारी का हवाला दिया, लेकिन वास्तव में वह देश के कई राज्यों में घूमता रहा है और कभी किसी अस्पताल में लंबा इलाज नहीं कराया। गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग से दुष्कर्म और यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। वह तब से जेल में है और POCSO Act और IPC की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था।


