महाराष्ट्र से नक्सल विरोधी अभियान को लेकर एक बड़ी सफलता की खबर सामने आई है। गढ़चिरौली जिले में बुधवार को 82 लाख रुपये के इनामी 11 नक्सलियों ने हथियार डालते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सभी नक्सलियों ने यह सरेंडर महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला की मौजूदगी में किया। इस मौके पर एडिशनल डीजी (स्पेशल ऑपरेशंस) चेहरिंग दोरजे, गढ़चिरौली रेंज के डीआईजी अंकित गोयल, एसपी नीलोत्पल और सीआरपीएफ के ऑपरेशंस डीआईजी भी मौजूद रहे।
डीजीपी का बयान: नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में बड़ा कदम
डीजीपी रश्मि शुक्ला ने इस उपलब्धि को गढ़चिरौली से नक्सलवाद के अंत की मजबूत शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य रखा है और महाराष्ट्र पुलिस इस दिशा में लगातार प्रभावी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि साल 2025 में अब तक 100 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
क्यों अहम है यह सफलता?
गढ़चिरौली लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता रहा है। ऐसे इलाके में एक साथ 11 नक्सलियों का मुख्यधारा में लौटना सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विकास की संभावनाओं को भी मजबूत करता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आगे भी नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।


