कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, विशेष रूप से माता लक्ष्मी के आशीर्वाद के लिए विभिन्न प्रकार के दान-पुण्य करने की प्राचीन परंपरा है। नीचे ऐसे 5 प्रकार के दान दिए जा रहे हैं, जो अनेक धार्मिक स्रोतों में इस दिन किये जाने हेतु शुभ माने गए हैं, ताकि धन-धान्य एवं समृद्धि बनी रहे। (हालाँकि, ध्यान दें कि ये धार्मिक मान्यताएँ हैं—व्यक्तिगत श्रुति व परंपरा अनुसार भिन्न हो सकती हैं।)

5 शुभ दान
- दूध या दही का दान
यह माना गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दूध-दही आदि शुद्ध वस्तुओं का दान करना धन-धान्य की वृद्धि का मार्ग है। Live Hindustan+2Jagran+2 - वस्त्र का दान (विशेष रूप से नए या साफ़ वस्त्र)
जरूरतमंद को वस्त्र देना, विशेष रूप से इस दिन, शुभ माना गया है क्योंकि यह सामाजिक-संबंध और गरिमा दोनों बढ़ाता है। Navbharat Times+2Jagran+2 - अन्न-दान या खाद्य-दान
चावल, आटा, दाल-पulses आदि का दान करना, अन्नपूर्णा व लक्ष्मी माँ दोनों की कृपा हेतु शुभ माना जाता है। Jagran+2Jagran+2 - गुड़, तिल-मसूर-हल्दी आदि विशेष वस्तुओं का दान
शास्त्रों में कहा गया है कि विशेष ‘रंग-वर्ग’ की दान-वस्तुओं (जैसे लाल वस्त्र, गुड़, काले तिल आदि) का भी दान इस दिन विशेष फल-दायी होता है। Webdunia+2Navbharat Times+2 - दीपदान एवं तिल, पौधा-दान जैसे उपक्रम
इस दिन दीपक जला कर पूजा-स्थान को आलोकित करना, तुलसी / पीपल आदि के सामने दान-दान करना भी शुभ माना जाता है। Live Hindustan+1
कुछ उपयोगी सुझाव
- दान की वस्तु साफ़-स्वच्छ होनी चाहिए व व्यक्ति को सम्मानपूर्वक दी जाए।
- दान करते समय संकल्प करना एवं मन-भावना से करना अधिक फलदायी माना गया है। Webdunia
- संभव हो तो गुप्त दान करना श्रेष्ठ माना गया है क्योंकि इसमें अहंकार नहीं होता।
- दान के बाद पूजा-भजन, दीप-आरती जैसे अनुष्ठान भी साथ करना लाभदायक माना गया है।


