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ऑनलाइन ब्रेनवॉशिंग नेटवर्क का खुलासा, डॉक्टर भाई-बहन एटीएस की गिरफ्त में

डॉ. शाहीन पर युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने का आरोप, एटीएस ने तेज की जांच

एटीएस की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि डॉ. शाहीन हमदर्द बनने और मार्गदर्शन देने के बहाने युवा मेडिकल विद्यार्थियों व मुस्लिम मरीजों को भड़काने की कोशिश कर रही थी। एजेंसी के सूत्रों का दावा है कि उसके व्यवहार और बातचीत में कई ऐसे संकेत मिले हैं जिनकी अब गहराई से जांच हो रही है। डॉक्टरों की संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्तता का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले अगस्त 2024 में भी दिल्ली पुलिस, यूपी एटीएस और अन्य राज्यों की एजेंसियों ने एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था, जिसमें रांची के डॉक्टर इश्तियाक अहमद को गिरफ्तार किया गया था। उस समय AQIS (अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट) से जुड़े अनेक लोगों को पकड़ा गया था। अब एक बार फिर डॉक्टरों के नाम सामने आने के बाद, जांच एजेंसियाँ दोनों मामलों के आपसी संबंधों की भी तुलना कर रही हैं। एटीएस की विशेष टीम ने दिल्ली जाकर कई स्थानों पर पूछताछ और साक्ष्य जुटाए हैं।

विदेश में पढ़ रहीं छात्राओं से ऑनलाइन संपर्क

सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन विदेश में पढ़ने वाली कुछ छात्राओं से ऑनलाइन संपर्क स्थापित करती थी। ‘गाइडेंस’ और ‘भावनात्मक सहायता’ देने के नाम पर वह बातचीत शुरू करती और धीरे-धीरे उन्हें जमात-उल-मोमिनात जैसी संदिग्ध गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास करती थी। रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि उसने कई बार जम्मू-कश्मीर की यात्राएँ कीं और कथित रूप से स्थानीय नेटवर्क को मदद पहुँचाने का प्रयास किया।

भाई डॉ. परवेज के साथ आमने-सामने पूछताछ होगी

मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज से अभी तक अलग-अलग पूछताछ की गई है। अब दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की तैयारी है ताकि विरोधाभासी बयानों की पुष्टि की जा सके। इसके अलावा, इसी केस में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल के साथ परवेज के संभावित संपर्कों की भी जांच हो रही है। सूत्रों के अनुसार, परवेज आमतौर पर कीपैड फोन का ही उपयोग करता था और बहुत सीमित लोगों से संवाद रखता था।

मोहल्ले में खामोशी, लोग हैरान

परवेज की गिरफ्तारी के बाद मुत्तकीपुर की तकवा कॉलोनी में तनाव जैसा माहौल है। लोगों के अनुसार परवेज आमतौर पर कम बोलने वाला और अकेला रहने वाला व्यक्ति था। पड़ोसियों की मानें तो वह कभी-कभी मेडिकल सलाह व्हाट्सऐप पर दे दिया करता था। कई लोग यह सुनकर हैरान हैं कि उनका नाम इस तरह की गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, परवेज मस्जिद में मोबाइल से कुरान पढ़ता था, जिस पर पहले भी उसकी कुछ लोगों से बहस हुई थी। इसके बाद वह काफी समय तक मस्जिद नहीं आया। गांव के कुछ बुजुर्गों ने चिंता जताई कि बाहर से आकर बसने वाले लोग जब विवादित मामलों में फंसते हैं, तो बदनामी पूरे इलाके के हिस्से में आ जाती है।

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