दुर्घटनाग्रस्त विमान के शव बने खतरा, लंदन मॉर्चरी में खतरनाक गैसों की मौजूदगी

लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ब्रिटेन भेजे गए पीड़ितों के शवों से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम सामने आया है। लंदन के शवगृह में काम करने वाले कर्मचारियों के ‘‘खतरनाक रसायनों’’ के संपर्क में आने की पुष्टि एक वरिष्ठ कोरोनर ने की है।
दुर्घटना में मारे गए 53 ब्रिटिश नागरिकों की जांच का नेतृत्व कर रहीं प्रोफेसर फियोना विलकॉक्स ने अपनी ‘प्रिवेंशन ऑफ फ्यूचर डेथ्स रिपोर्ट’ जारी की। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि वेस्टमिंस्टर पब्लिक मॉर्चरी में पहुंचे शवों में अत्यधिक मात्रा में फॉर्मलिन पाया गया, जो एक जहरीला रसायन है और श्वसन तंत्र को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है।
कोरोनर के अनुसार, शवों को जिस पद्धति से संरक्षित और ब्रिटेन पहुंचाया गया, उसने शवगृह कर्मियों की जान को सीधा खतरे में डाल दिया। ताबूत खोले जाने और शरीर से लिपटी पट्टियां हटाए जाने के बाद हालात और गंभीर हो गए। जांच में फॉर्मलिन के साथ-साथ वातावरण में कार्बन मोनोक्साइड और सायनाइड जैसे जानलेवा तत्व भी असुरक्षित स्तर पर मौजूद पाए गए।
डॉ. विलकॉक्स ने चेतावनी दी कि मॉर्चरी में काम करने वालों के लिए फॉर्मलिन के खतरों को लेकर जागरूकता बेहद कम है, जबकि इससे वहां मौजूद सभी कर्मचारियों को गंभीर स्वास्थ्य संकट झेलना पड़ सकता है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि एयर इंडिया का बोइंग 787 विमान उड़ान भरने के सिर्फ 32 सेकंड बाद करीब 600 फीट की ऊँचाई से गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस त्रासदी में विमान में सवार 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बच पाया, जबकि जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोग भी मारे गए थे।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोरोनर ने ब्रिटिश सरकार से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग तथा आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार विभाग से 56 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। ब्रिटिश सरकार के एक प्रवक्ता ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बेहद चिंताजनक मामला है और सरकार इस रिपोर्ट की सिफारिशों पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी।


