इंडिगो का ऑपरेशनल ब्रेकडाउन, हजारों यात्री फंसे, डेरा डाले तीन बड़े एयरपोर्ट
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समय अब तक की सबसे बड़ी चुनौती से गुजर रही है। रोजाना करीब 2300 उड़ानें संचालित करने वाली कंपनी, जिसकी घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से अधिक है, आज गंभीर परिचालन संकट में फंसती नजर आ रही है। हालात ऐसे हैं कि कंपनी का बाजार पूंजीकरण घटकर लगभग 21,000 करोड़ रुपये तक आ गया है। उड़ानों की लगातार रद्दीकरण और घंटों की देरी से यात्रियों की परेशानी नौवें दिन भी कम नहीं हुई है। सबसे ज्यादा असर देश के तीन प्रमुख एयरपोर्ट—दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई—पर देखने को मिल रहा है, जहां हजारों यात्री अपनी उड़ानों का इंतजार करते हुए परेशान हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट पर हालात चिंताजनक
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सामने आई तस्वीरों में लंबी कतारें और इंतजार करते यात्री साफ दिखाई दे रहे हैं। कई उड़ानें अचानक कैंसिल कर दी गईं तो कई को घंटों बाद ऑपरेट किया गया। यात्रियों का कहना है कि उन्हें न तो सही सूचना मिल रही है और न ही खाने–पीने की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
अहमदाबाद में भी बिगड़ी व्यवस्था
गुजरात के अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी इस संकट से अछूता नहीं रहा। यहां भी इंडिगो की कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं। यात्रियों को ताजा अपडेट न मिलने से नाराजगी बढ़ रही है और टिकट काउंटरों पर लंबी लाइनें लग गई हैं।
मुंबई एयरपोर्ट पर यात्री परेशान
छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी यही तस्वीर दिख रही है। परिवारों और ऑफिस जाने वाले यात्रियों को घंटों तक टर्मिनल पर बैठकर प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। कुछ लोगों ने टिकट री–शेड्यूल और रिफंड प्रक्रिया को लेकर गंभीर शिकायतें दर्ज कराई हैं।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
उड़ानों की अनिश्चितता से परेशान यात्री सोशल मीडिया पर लगातार अपनी समस्याएं साझा कर रहे हैं। यात्रियों की मांग है कि एयरलाइन स्थिति पर खुलकर जानकारी दे और व्यवस्थाओं में तत्काल सुधार करे।
डीजीसीए ने बताई असली वजह
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की जांच में सामने आया है कि संकट की जड़ इंडिगो की आंतरिक प्रबंधन खामियां हैं। पायलटों की उपलब्धता का सही अनुमान नहीं लगाया गया, प्रशिक्षण समय पर पूरा नहीं हुआ, और नई एफडीटीएल (Flight Duty Time Limitations) व्यवस्था लागू होने के बावजूद ड्यूटी रॉस्टर में जरूरी बदलाव नहीं किए गए। डीजीसीए ने बताया कि उसने पहले ही कई बार एयरलाइन को चेतावनी दी थी, लेकिन समय रहते तैयारी नहीं की गई। इसका नतीजा यह हुआ कि नवंबर 2025 के अंत से उड़ानों में देरी और कैंसिलेशन शुरू हो गए, जो अब एक बड़े परिचालन संकट में बदल चुके हैं।


