देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने बुधवार को 70 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बेंगलुरु और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों से उड़ानों पर इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया। एयरलाइन प्रशासन ने व्यवधान की पुष्टि करते हुए कहा कि तकनीकी कारणों, हवाई अड्डों पर बढ़ी भीड़ और परिचालन जरूरतों की वजह से हाल के दिनों में कई उड़ानों में देरी हुई और कुछ सेवाएं रद्द करनी पड़ीं।

हालांकि, सूत्रों का दावा है कि असल समस्या नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे चरण का लागू होना है, जिसके चलते चालक दल की भारी कमी पैदा हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, इन नियमों के प्रभाव में आने के बाद से एयरलाइन के पास पर्याप्त क्रू उपलब्ध नहीं है, जिससे कई शहरों में उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ है।
बताया गया है कि मंगलवार से ही हालात बिगड़ने लगे थे और बुधवार को स्थिति और ज्यादा खराब हो गई, जब देश के अलग-अलग हवाई अड्डों से बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं या उन पर लंबी देरी हुई।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस सिर्फ 35 प्रतिशत रहा। अन्य एयरलाइनों का प्रदर्शन इससे बेहतर रहा — एयर इंडिया 67.2%, एयर इंडिया एक्सप्रेस 79.5%, स्पाइसजेट 82.5% और आकाश एयर 73.2% समय पर उड़ान भरने में सफल रहीं।
गौरतलब है कि नए FDTL नियमों के तहत साप्ताहिक विश्राम अवधि बढ़ाकर 48 घंटे कर दी गई है, रात्रिकालीन उड़ानों की अवधि लंबी की गई है और रात में लैंडिंग की सीमा पहले की छह से घटाकर सिर्फ दो कर दी गई है। शुरुआत में इंडिगो और टाटा समूह की एयर इंडिया ने इन नियमों पर आपत्ति जताई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के बाद DGCA ने इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया। जुलाई से नियमों का पहला चरण प्रभावी हुआ, जबकि दूसरा चरण 1 नवंबर से लागू किया गया, जिसमें रात्रि लैंडिंग पर कड़ी पाबंदियां शामिल हैं।
ये नियम मार्च 2024 में लागू होने थे, लेकिन एयरलाइनों ने चालक दल की भारी जरूरतों का हवाला देते हुए इन्हें टालने और चरणबद्ध रूप से लागू करने की मांग की थी।


