राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों में लगातार हो रहे विलंब और रद्दीकरण को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। शनिवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यात्रियों को लंबे समय से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। सुले ने कहा कि देश भर में हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे हैं, उड़ानें समय पर नहीं चल रहीं और इंडिगो की ओर से समुचित व्यवस्था नहीं की जा रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस पूरे मामले पर संसद में स्पष्ट बयान दे और विस्तृत जांच शुरू करे। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी सोमवार को सरकार इस मुद्दे पर देश और संसद दोनों को जवाब देगी।
विमानन क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता पर बल देते हुए सुले ने कहा कि यदि चार-पांच मजबूत एयरलाइंस सक्रिय होतीं, तो यात्रियों को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़ता। उन्होंने कहा कि किसी एक कंपनी का अत्यधिक वर्चस्व उपभोक्ताओं और व्यापार दोनों के हित में नहीं है। प्रतिस्पर्धा से ही सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होती है और ग्राहकों को सही विकल्प मिलता है। इंडिगो पर लापरवाही, कर्मचारियों की कमी और ग्राहकों के प्रति उदासीन रवैये के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। अनेक यात्रियों की शिकायत है कि उन्हें न तो समय पर जानकारी मिल रही है और न ही कोई उचित समाधान।
इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों की परेशानी को देखते हुए एयरलाइंस, विशेष रूप से इंडिगो, को सेवाएं जल्द सामान्य करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने बताया कि उड़ान कार्यक्रम को स्थिर करने के लिए दो अहम आदेश जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि वह पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और सभी संबंधित पक्षों से लगातार बातचीत कर रही है। सुले ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन भी किया जिसमें उन्होंने संविधान पर खतरे की बात कही थी। सुले ने कहा कि उनकी चिंता सही है और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा बेहद आवश्यक है।


