मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच को आगे बढ़ाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को रिलायंस अनिल अंबानी समूह की करीब ₹1,120 करोड़ की अतिरिक्त संपत्तियां जब्त कर ली हैं। इनमें रियल एस्टेट प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक खातों में जमा राशि और रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (RCFL) तथा यस बैंक से जुड़े कथित धोखाधड़ी मामलों से संबंधित अनलिस्टेड निवेश शामिल हैं।
यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अस्थायी कुर्की के रूप में की गई है। ताज़ा कार्रवाई के बाद इस केस में कुल कुर्की का आंकड़ा लगभग ₹9,000 करोड़ तक पहुंच गया है। इससे पहले अक्टूबर से अब तक ही ED करीब ₹7,800 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर चुकी है।
जांच एजेंसी के मुताबिक, अब तक अनिल अंबानी समूह की कुल ₹10,117 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। इनमें मुंबई के बैलार्ड एस्टेट स्थित रिलायंस सेंटर सहित 18 अचल संपत्तियां, फिक्स्ड डिपॉजिट और कई कंपनियों में किए गए कथित छिपे निवेश शामिल हैं।
इसके अलावा, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की 7 संपत्तियां, रिलायंस पावर की 2, रिलायंस वैल्यू सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की 9 संपत्तियां और विभिन्न सहयोगी कंपनियों जैसे – रिलायंस वेंचर एसेट मैनेजमेंट, फी मैनेजमेंट सॉल्यूशंस, आधार प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी और गेमसा इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के नाम पर मौजूद सावधि जमा और निवेश भी कुर्क कर लिए गए हैं।
ED इससे पहले RCom, RCFL और RHFL से जुड़े बैंक फ्रॉड मामलों में करीब ₹8,997 करोड़ की संपत्तियां अटैच कर चुकी है। एजेंसी का कहना है कि जांच अभी जारी है और वित्तीय लेन-देन के कई अन्य पहलुओं की भी पड़ताल की जा रही है।


