एडीए की कार्रवाई में 10 हजार वर्ग मीटर जमीन मुक्त, लेकिन रोते बच्चों ने रोक दी मशीनें

अलीगढ़। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) ने गुरुवार को बरौला क्षेत्र में एलमपुर आवासीय योजना के पास अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए लगभग 10 हजार वर्ग मीटर सरकारी भूमि को खाली करा लिया। कार्यवाही के दौरान करीब 80 झुग्गियां जमींदोज़ कर दी गईं। लेकिन इस अभियान के बीच एक ऐसा पल आया जिसने प्रशासनिक सख्ती को मानवीय संवेदना में बदल दिया। झुग्गियों के बीच चल रहे साहिबान फाउंडेशन द्वारा संचालित ‘पहला कदम स्कूल’ में पढ़ रहे छोटे-छोटे बच्चों की आंखों से जब आंसू छलक पड़े, तो वहां मौजूद अधिकारी भी भावुक हो उठे। स्कूल की शिक्षिका गरिमा वार्ष्णेय ने बताया कि अगस्त 2025 में यह स्कूल झुग्गी बस्ती के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
एडीए की टीम जब स्कूल के ढांचे तक पहुंची, तो बच्चों ने हाथ जोड़कर गुहार लगाई—“हमारा स्कूल मत तोड़ो मैडम…” यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद अधिकारी रुक गए। कार्यकारी अभियंता आर.के. सिंह के नेतृत्व में चल रही टीम ने स्कूल को तत्काल न तोड़ने और उसे दो दिन के भीतर किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने का समय दिया। प्राधिकरण ने मानवीय आधार पर उन दो घरों को भी नहीं तोड़ा, जहां गर्भवती महिलाएं रह रही थीं। बाकी हिस्से को खाली कराकर जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में दोबारा दर्ज कर लिया गया है।
एडीए सचिव दीपाली भार्गव ने बताया— “बरौला क्षेत्र में लगभग 10 हजार वर्ग मीटर सरकारी भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया गया है। संवेदनशील स्थितियों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया गया है। भविष्य में भी सरकारी भूमि पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” बरौला की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है— क्या विकास की रफ्तार के बीच उन नन्हे सपनों के लिए भी कोई जगह बची है, जो झुग्गियों में जन्म लेते हैं लेकिन आसमान छूने का हौसला रखते हैं?



